*नेपाल से भारत में कबाड़ की तस्करी,खनुआ गांव बना तस्करी का हब, पुलिस के नाक के नीचे अवैध कारोबार-*
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*नेपाल से भारत में कबाड़ की तस्करी,खनुआ गांव बना तस्करी का हब, पुलिस के नाक के नीचे अवैध कारोबार-*
सतीश त्रिपाठी ( एडिटर इन चीफ )
महराजगंज। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित महराजगंज जिले में तस्करी का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पहले कपड़े, जूते, और अन्य सामानों की तस्करी होती थी, लेकिन अब हालात और भी गंभीर हो गए हैं। ताजा मामला कबाड़ की तस्करी से जुड़ा है, जहां नेपाल से कबाड़ लाकर भारत में भेजा जा रहा है। इस अवैध कारोबार में अंतरराष्ट्रीय स्तर के तस्करों का नेटवर्क भी शामिल है, जिससे यह मामला और चिंताजनक हो गया है।
सोनौली थाना क्षेत्र का ग्राम खनुआ इन दिनों कबाड़ की तस्करी के हब के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। यहां बड़े पैमाने पर कबाड़ का कारोबार हो रहा है, और यह गतिविधियां खुलेआम प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रही हैं। नेपाल से कबाड़ डीसीएम ट्रकों में भरकर भारत लाया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की ओर से इसे रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार को संरक्षण भी मिल रहा है। स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत के चलते तस्करों का यह नेटवर्क दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है। तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखने की बजाय जिम्मेदार मात्र दर्शक बने हुए हैं, जिससे सीमा सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कबाड़ की तस्करी को महज एक आर्थिक गतिविधि के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह भारत की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है। कबाड़ के साथ अन्य संदिग्ध वस्तुओं की तस्करी होने की आशंका भी जताई जा रही है, जो देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है। कबाड़ के माध्यम से हथियार, गोला बारूद तथा अन्य गैरकानूनी सामग्री भी सीमा पार से लाई जा सकती है, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है। अभी एक दशक पूर्व परसामलिक थाना क्षेत्र के केले से लदी पिकअप पकड़ी गई थी केले में छिपाकर नेपाल में कारतूस भेजा जा रहा था।
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