*एक बार भी जीवन में ‘राम’ का नाम लिया तो मोक्ष मिलना तय है…*

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*एक बार भी जीवन में ‘राम’ का नाम लिया तो मोक्ष मिलना तय है…*
आपने बहुत सी कथाओं में,श्रीमद्भागवत महापुराण की कथाओं में या रामकथाओं में संतो के मुखारविंद से सुना होगा,अपने घर के बड़े बुजुर्गों से भी सुना होगा कि,जीवन में ‘राम’ नाम का बहुत बड़ा महत्व है।जो जीवात्मा राम को हृदय में धारण कर लेता है,उस जीवात्मा को मोक्ष मिलना तय है।जो व्यक्ति ‘ राम ‘ नाम का चंदन तिलक माथे पर लगाता है,राम को साथ लिए रहता है उस व्यक्ति को यमराज भी उसकी परछाई से दूर रहते हैं।
राम का नाम लेने वाले व्यक्ति का कैसे मोक्ष होता है,आइए जानते हैं…*लेकिन कैसे होता है…?*
☞ एक बहुत ही पापी मनुष्य था जिसने कभी राम का नाम नही लिया मगर एक बार धोखे से उसके मुख से राम का नाम निकल गया।
जब वो मरकर यमराज के पास पहुंचा तो यमराज ने चित्रगुप्त से पूछा इसके कर्म बताओ ताकि इसको स्वर्ग या नरक भेजा जाए तो चित्रगुप्त ने जब लेखा-जोखा चेक किया तो पाप तो लाखों निकले लेकिन राम नाम एक ही बार निकला।
तो यमराज बोले इसका क्या पुण्य हुआ ???
चित्रगुप्त बोले एक बार का पुण्य हमको नही पता, इसको लेकर ब्रह्मा जी के पास ब्रह्मलोक ले चलो वही बताएंगे ब्रह्मलोक में पहुंचने पर जब ब्रह्मा जी से पूछा कि एक बार राम बोलने का क्या फल है?
ब्रह्मा बोले इसको लेकर विष्णु जी के पास चलो तो विष्णु जी के पास पहुंचने पर भी विष्णु जी बोले भैया मुझे भी पता नही है शंकर जी रात दिन राम राम कहते है चलो वही बताएंगे तो बो सब लोग उस को लेकर शंकर जी से मिलने कैलाश पहुंच गए जब शंकर जी से पूछा तो शंकर जी बोले भैया बहुत कठिन स्तिथि है इसका निर्णय साकेत लोक में भगवान राम ही करेंगे।
सभी लोग साकेत धाम पहुंचे तो सीताराम भगवान बहुत प्रसन्न हुए और बोले हमारे बड़े भाग्य जो ब्रह्मा विष्णु शंकर यमराज चित्रगुप्त सब एक साथ दर्शन देने आये।
तो जब आने का कारण पूछा तो सबने उस व्यक्ति को आगे किया और पूछा सरकार इसने एक बार जीबन में राम बोला इसका क्या पुण्य है??
राम भगवान मुस्कराकर बोले ये एक बार राम बोलने का ही फल है कि ये साधारण व्यक्ति यमलोक से ब्रह्मलोक बैकुंठ लोक शिवलोक की पावन यात्रा करके हमारे धाम साकेत लोक आ गया और आप सब सम्मान सहित इसको लेकर हमारे पास आये अब आप सब जब तक चाहे रुके और ये व्यक्ति अब हमेशा यहीं रहेगा।
इसीलिए तुलसीदास जी ने लिखा है रामचरित्र मानस में–
*भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ।*
*नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥*
जय रघुनंदन “जय श्री राम”
न्यूज एंटी करप्शन भारत
*शिवरतन कुमार गुप्ता “राज़”*

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