*उर्वरक की ओवर रेटिंग, उपलब्धता एवं वितरण की समस्या हेतु कन्ट्रोलरूम पर करें सूचित-जिलाधिकारी*

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*उर्वरक की ओवर रेटिंग, उपलब्धता एवं वितरण की समस्या हेतु कन्ट्रोलरूम पर करें सूचित-जिलाधिकारी*
पराली जलाने से पर्यावरण को नुकसान के साथ नियमों का भी होता है उल्लंघन-पुलिस अधीक्षक
श्रावस्ती। कृषि विभाग द्वारा कृषि सूचना तंत्र योजनान्तर्गत विकास खण्ड स्तरीय कृषि निवेश मेला, जनपद स्तरीय रबी गोष्ठी का कलेक्ट्रेट तथागत हाल में आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी एवं पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया एवं अपर जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार वर्मा ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान कृषकों को फसल अवशेषों को जलाने के नुकसान आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त किसानों से अपील करते हुए कहा कि खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, जिससे मानव के साथ साथ अन्य जीव जंतुओं के स्वास्थ्य पर अत्यंत विपरीत प्रभाव पड़ता है। धान की पराली जलाने से खेतों की उर्वरक क्षमता भी घटती है। इससे फसल उपज में उनकी ही हानि होती है। इसलिए वे अपने खेतों में धान की पराली कदापि न जलायें। इस सम्बन्ध में व्यापक प्रचार प्रसार के जरिये सभी को अवगत कराया जा चुका है अब भी यदि किसान पराली जलाते हैं तो यह माना जायेगा कि वे जान बूझकर अपराध कर रहे हैं और उनको प्राप्त होने वाली सरकारी सुविधाएं रोकी जा सकती हैं। उन्होने कहा कि जनपद में कृषि योग्य भूमि पर फसल अवशेषों एवं धान की पराली को न जलाया जाये। इसके लिये न्याय पंचायतवार नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो अपने दिये गये दायित्वों का निर्वहन करेंगे।जिलाधिकारी ने नामित नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया है कि फसल अवशेष प्रबन्धन की जानकारी हेतु आयोजित जनपद स्तरीय गोष्ठी/प्रशिक्षण में दिए गए निर्देशों का प्रचार-प्रसार करेंगे। आवंटित न्याय पंचायत के समस्त ग्राम पंचायतों में स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर फसल अवशेष प्रबन्धन के बारे में जागरूक करें। न्याय पंचायत के राजकीय कार्मिकों जैसे-ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, ग्राम सचिव, न्याय पंचायत की पुलिस बीट के सिपाही, सफाई कर्मी एवं कृषि विभाग के तकनीकी सहायकों के साथ मिलकर फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु निगरानी समिति का गठन कर रणनीति तैयार करें।
उन्होने जनपद के समस्त किसान भाईयों से यह भी अपील किया है कि जनपद के समस्त साधन सहकारी समितियों पर सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता द्वारा समस्त समितियों पर उर्वरक की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। सभी समितियां पर कृषकों को उर्वरक उचित दर पर पी०ओ०एस० के माध्यम से वितरण किया जाएगा। यदि उर्वरक के संबंध में कृषकों को उर्वरक की ओवर रेटिंग अथवा उर्वरक उपलब्धता एवं वितरण की कोई समस्या आती है तो जिला स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम के मोबाइल न0-7839882254 पर सम्पर्क कर जानकारी दे सकते है।
उन्होने यह भी कहा कि गो-आश्रय स्थल में रहने वाले गोवंशों को ठंड से बचाव हेतु उचित प्रबन्ध किये जाएं। गोवंशों के बैठने के स्थान पर पुआल का बिछावन किया जाए तथा उन्हें बोरे से ओढ़ाया जाए, जिससे उन्हें ठंड में कोई दिक्कत न होने पाये। गौशाला में पशुओं के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था की जाए। उन्होने निर्देशित किया कि चिन्हित भूमि पर नैपियर घास उगायी जाए, ताकि पशुओं को हरा चारा मिलता रहे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान होता है, बल्कि यह नियमों का भी उल्लंघन है। खेतों में अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, साथ ही वायु में जहरीले धुएं का उत्सर्जन होता है, जिससे आम लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उन्होने कहा कि आदेश की अवहेलना करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। थाना स्तर पर भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे पराली न जलाएं। अगर किसी किसान ने नियम का उल्लंघन किया, तो उस पर जुर्माना और मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसलिए सभी किसान भाई पराली न जलायें।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव, उपनिदेशक कृषि सुरेन्द्र चन्द्र चौधरी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 मानव, जिला कृषि अधिकारी अनिल प्रसाद मिश्र, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी सहित कृषि विभाग के अधिकारी, ग्राम प्रधान, सचिव एवं किसान बन्धु उपस्थित रहे।

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