*जिले में खुलेंगे छह नए एनबीएसयू, नवजातों के इलाज में सहूलियत*
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संवदाता, अकाश कुमार गुप्ता
तहसील प्रभारी, नौतनवा,लक्ष्मीपुर
NEWS ANTICRUPTION. BHARAT
*जिले में खुलेंगे छह नए एनबीएसयू, नवजातों के इलाज में सहूलियत*
जिले में नवजातों के इलाज को लेकर एक अच्छी खबर है। जिले में छह और न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू) खुलने जा रहा है। आठ बेड के एनबीएसयू वार्ड बनाने के लिए स्थान चिह्नित कर लिया गया है, जो अस्पताल परिसर में ही होगा। एनबीएसयू के लिए उपकरणों की खरीदारी हो चुकी है। इससे नवजात शिशुओं की तबीयत बिगड़ने पर उनके इलाज में स्थानीय स्तर पर ही त्वरित इलाज मिल सकेगा। एसीएमओ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि यह सभी एनबीएसयू ब्लॉक स्तर पर खोले जाएंगे। वर्तमान समय में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परतावल, निचलौल, लक्ष्मीपुर तथा फरेंदा सीएचसी पर एनबीएसयू कार्य कर रहे हैं। इनमें से निचलौल एनबीएसयू को एसएनसीयू में तब्दील कर दिया गया है। इनके अलावा छह ब्लॉक में नये एनबीएसयू बनाये जाएंगे।जिन ब्लाकों में नए एनबीएसयू संचालित किए जाने हैं, उनमें सदर, घुघली, रतनपुर, धानी, पनियरा और बृजमनगंज ब्लाक के नाम हैं। सभी एनबीएसयू आठ बेड के बनेंगे। एनबीएसयू संचालित हो जाने के बाद इन एनबीएसयू वाले ब्लॉक क्षेत्र के अस्पतालों में जन्म लेने वाले नवजात शिशु या फिर डिस्चार्ज होकर घर जा चुके नवजात शिशु का स्वास्थ्य खराब होने पर 102 नंबर एम्बुलेंस की मदद से उन्हें एनबीएसयू तक लाया जा सकेगा। इस तरह सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए नवजात को जिला संयुक्त चिकित्सालय महराजगंज और बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
28 दिन तक के बच्चों के इलाज की व्यवस्था
नये एनबीएसयू को स्थानीय व्यवस्था से सक्रिय कर दिया जाएगा। जन्म से लेकर 28 दिन तक बच्चा नवजात की श्रेष में आता है और बीमारियों व संक्रमण की दृष्टि से यह अवस् बेहद संवेदनशील होती है। इस अवस्था में अगर बच्चे में किसी भी प्रकार की बीमारी हो और त्वरित चिकित्सा मिल जाए उसके जीवन की रक्षा हो जाती है। इससे शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।
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