*ढूंढे नहीं मिल रहे प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी*
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संवाददाता, अकास कुमार गुप्ता
जिला प्रभारी, महराजगंज
News anticruption bharat
*ढूंढे नहीं मिल रहे प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी*
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गांवों में लाभार्थी नहीं मिल रहे हैं। कच्चा घर की अनिवार्यता के कारण पात्र नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में शत प्रतिशत नियम के तहत सर्वे हुआ तो इस बार गांवों में लाभार्थी कम ही रहेंगे।इसमें पक्का मकान वालों को आवास का लाभ नहीं दिया जाना है। सर्वे में फोटो लेते समय यदि पक्का ईट या दीवाल दिखेगा तो मोबाइल एप स्वतः ही अपात्र कर देगा। इस बार स्वतः अपात्र होने से पात्रों को ढूंढने में सर्वेयरों को पसीने छूट रहे हैं। क्योंकि गांवों में अधिकांश घर पक्के हो चुके हैं। भले ही मकान पर लिंटर नहीं लगा है लेकिन अधिकांश दीवाल ईंट से बने हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत दो तरह का सर्वे हो रहा है। एक सरकारी सर्वेयर कर रहे हैं। दूसरा व्यक्ति खुद सर्वे कर सकते हैं। खुद सर्वे में व्यक्ति अपने को पात्रता के दायरे में ला रहे रहे हैं। लेकिन स्वयं सर्वे की भी जांच होगी। स्वयं सर्वे की जांच सरकारी सर्वेयर ही करेंगे।
करीब 90 फीसदी से अधिक घर पक्के
गांवों में किंचित ही कोई घर बचा है जो पक्का न हुआ है। झोपड़ी या मिट्टी के घरों में कम ही लोग दिख रहे हैं। सर्वे में कच्चे घर वालों को ही आवास का लाभ दिया जाना है। पक्क घरों की संख्या करीब 90 फीसदी से भी अधिक है। इससे पात्रों की संख्या पहले की अपेक्षा कम मिल सकती है।
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