*(साहित्य सभा की काव्य गोष्ठी में याद किए गए जुगानी भाई)*
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संवाददाता, अकाश कुमार गुप्ता
जिला प्रभारी, (महराजगंज)
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*(साहित्य सभा की काव्य गोष्ठी में याद किए गए जुगानी भाई)*
साहित्य सभा महराजगंज की ओर से आयोजित मासिक काव्य गोष्ठी में रविंद्र श्रीवास्तव जुगानी भाई को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान कवियों ने अपनी रचनाओं से मन मोह लिया।
साहित्य सभा के अध्यक्ष डॉ. परशुराम गुप्ता ने जुगानी भाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भोजपुरी को समृद्ध करने में जुगानी भाई का बहुत योगदान है। साहित्य सभा के संयोजक देवेश पांडेय ने जुगानी भाई की रचना फुंसियात शहर सुनाते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित किया। साहित्य सभा के संरक्षक केएम अग्रवाल ने भी जुगानी भाई के जीवन एवं कार्यों पर प्रकाश डाला। काव्य गोष्ठी में महराजगंज के जाने-माने साहित्यकार एवं कवि स्व. डॉ. घनश्याम पांडेय के जन्म दिवस पर उन्हें याद किया गया। उनके जीवन एवं रचनाओं पर चर्चा की गई। साहित्य सभा के संयोजक ने उनकी गजल मुहब्बत में मुखौटों का कोई चेहरा नहीं, लगता खुले दिल के मकानों में कभी पसरा नहीं लगता… पढ़ा। गोष्ठी का संचालनद कवि दिव्यांश पांडेय ने किया, सचिव राघवेश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष राजेश स्वर्णकार, डीके निगम, संतोष श्रीवास्तव, अरविंद कुमार, तशरीफ खान, आशीष कुमार, शैलेन्द्र तिवारी, अवधेश वर्मा, आशुतोष आनेन्दू, पंकज कुमार मौर्या, शशिकुमार वर्मा,
धीरज वर्मा, अभिषेक पटेल, एस. कुमार, राजेश कुमार अग्रहरी, उपेंद्र वर्मा, राम उजागिर यादव ने अपनी रचना को पढ़ा।ll
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