*👉🔝कहीं सरप्लस तो कहीं एकल शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित*

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संवाददाता, अकाश कुमार गुप्ता
जिला प्रभारी (महराजगंज)
News anticruption bharat
*👉🔝कहीं सरप्लस तो कहीं एकल शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित*
पहले ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे परिषदीय विद्यालय बीते वर्ष हुए अन्तर जनपदीय शिक्षक स्थानांतरण से तंग हैं। महराजगंज से स्थानांतरित होकर 345 शिक्षक दूसरे जिले में चले गए। वहीं दूसरे जिले से केवल 34 शिक्षक ही आए। जिससे कई विद्यालयों पर शिक्षक विहीन हैं। वहीं कुछ विद्यालयों पर सरप्लस शिक्षक हैं। इधर फिर से शिक्षक स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है। जिससे भर्ती नहीं हुई तो शिक्षकों की संख्या और कम हो जाएगी।बीते वर्ष अन्तरजनपदीय शिक्षक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया गया था। जिसमें जिले से बाहर जाने वाले अध्यापकों की संख्या अधिक और आने वाले अध्यापकों की संख्या जाने वालों से 10 गुना कम रही। जिले से बाहर 345 शिक्षक गए लेकन आए केवल 34 अध्यापक। सभी 345 शिक्षकों को 14 अगस्त 2023 तक उनके स्थानांतरित जिले के लिए रिलीव कर दिया गया। वहीं दूसरे जिले से केवल 34 शिक्षक स्थानांतरित होकर आए। जिन्हें विद्यालय कराया गया। इससे जिले में शिक्षकों की संख्या कालापश जिससे कुछ विद्यालय एकल हो गए। वहीं कुछ विद्यालयों पर सरप्लस शिक्षक हैं। नए सत्र में शिक्षकों की भर्ती कर संख्या नहीं बढ़ी तो बच्चों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित हो सकती है।पौने दो लाख बच्चों पर कार्यरत हैं 5321 शिक्षक
महराजगंज में 1063 प्राथमिक विद्यालय, 249 उच्च प्राथमिक विद्यालय व 412 कम्पोजिट विद्यालय को मिलाकर कुल 1724 विद्यालय हैं। मौजूदा समय में इन विद्यालयों पर कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक करीब पौने दो लाख के आसपास छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक 5321 शिक्षक कार्यरत हैं।
शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के भरोसे स्कूल
जनपद के 1063 प्राथमिक विद्यालयों पर 1775 शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इसमें से कई शिक्षामित्र सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं। वहीं 301 अनुदेशक भी कार्यरत हैं। अनेक विद्यालय ऐसे हैं जो हालांकि विभागीय कर्मचारी ठीक ठाक आंकड़ा नहीं दे पा रहे हैं कि कितने विद्यालय एकल संचालित हैं।
शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के भरोसे ही संचालित.
शिक्षक-छात्र अनुपात बेमेल हुआ
शिक्षा का आधकार कानून 2009 म यह व्यवस्था किया गया ह कि कक्षा एक से पांच तक 60 बच्चों पर दो शिक्षक, 60 से 90 बच्चों पर तीन शिक्षक, 81 से 120 बच्चों पर चार शिक्षक व 121 से 200 बच्चे होने पर पांच शिक्षक रखने का प्राविधान है। लेकिन 1724 स्कूलों पर केवल 5321 शिक्षक ही कार्यरत हैं। शिक्षकों की कमी से शिक्षक छात्र अनुपात बेमेल है।
बर्खास्तगी से भी कम हुए शिक्षक
फर्जी अध्यापकों की बर्खास्तगी और अन्य शिक्षकों के निलंबन के कारण भी अध्यापकों की कमी और पठन-पाठन प्रभावित हुआ है। जिले में करीब 45 से अधिक फर्जी शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। यदि ये अध्यापक सही होते तो ये विद्यालय पर पढ़ा रहे होते। वहीं करीब एक दर्जन शिक्षक निलंबित हैं। इससे भी विद्यालयों पर शिक्षकों की कमी है।
जिले में विद्यालयों पर बच्चों का नामांकन व कार्यरत शिक्षकों का डेटा संकलित कराया जा रहा है। नए सत्र में नामांकन बढ़ेगा। शिक्षक-छात्र अनुपात को दुरूस्त करने के लिए उच्चाधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्यवाही की जाएगी।
रिद्धी पांडेय, बीएसए..

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