*डॉक्टर नहीं जानते बेडशीट कोड, शासनादेश की ऐसी-तैसी*

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*डॉक्टर नहीं जानते बेडशीट कोड, शासनादेश की ऐसी-तैसी*
सतीश त्रिपाठी।
महराजगंज। सरकारी अस्पतालों में बेड शीट कोड का पालन नही करने पर भारी पड़ सकता है। इसकी मानिटरिंग शासन कर रहा है। कमी मिलने पर सीएचसी अधीक्षक/प्रभारी चिकित्साधिकारी के साथ ही वार्ड इंचार्ज पर कार्रवाई तय है। फिर भी इस चेतावनी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर कोई असर नहीं दिख रहा है। न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य नौतनवा के डॉक्टर को तो बेडशीट कोड के बारे में ही पता नहीं है। इस स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधिकारी सुरेंद्र कुमार से जब मंगलवार को अस्पताल पर पहुंच कर जानना चाहा की बेड पर आज कौन सी चद्दर बिही है तो उन्होंने कहा इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल बेड पर सफेद चद्दर ही है । उन्होंने कहा कि यदि बेडशीट कोड जारी हुआ है तो जिले से जानकारी करेंगे । हालांकि जिले के अधिकारियों को बेडशीट कोड का पालन करने का निर्देश शासन द्वारा दिया गया है। जानकारी के अनुसार जिले वासियों को त्वरित व नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ देने के लिए जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 41 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इसके अलावा 191 हेल्थ वेलनेस सेंटर संचालित हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीज भर्ती करने की सुविधा हैं। बेडशीट से एक-दूसरे मरीज या तीमारदार इंफेक्टेड न हो इसके लिए हर रोज बेडशीट बदलना है। सोमवार सफेद, मंगलवार नारंगी, बुधवार हरा,गुरुवार पीला ,शुक्रवार पिंक ,शनिवार नीला, रविवार स्लेटी/ भूरा रंग का चद्दर बेड पर बिछाना है।
इसकी जांच करने के लिए शासन ने दिन के हिसाब से बेडशीट कलर कोड जारी किया है। लेकिन जिला अस्पताल और महिला अस्पताल को छोड़कर अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर बेडशीट कलर कोड का पालन नही किया जा रहा है। इसकी शिकायत शासन को हुई हैI स्वास्थ्य अधिकारियों को बेडशीट कलर कोड का पालन करने का निर्देश जारी किया है। जांच में निर्देश का उलंघन मिलने पर संबंधित सीएचसी अधीक्षक/प्रभारी चिकित्साधिकारी और वार्ड इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन से संस्तुति करेगा।

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