*बड़ी खबर नाबालिक लड़की का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने वालों के खिलाफ हो सकती है बड़ी कार्रवाई*

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*बड़ी खबर
नाबालिक लड़की का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने वालों के खिलाफ हो सकती है बड़ी कार्रवाई*
नौतनवा महाराजगंज। परसा मलिक थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासिनी नाबालिक लड़की को बालिग सिद्ध करने के लिए कूट रचित शैक्षणिक प्रमाण पत्र तैयार करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जानकारी के अनुसार करीब तीन महीने पूर्व परसा मलिक थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली नाबालिक लड़की को भाग कर ले जाने तथा उसका घर्म परिवर्तन करा कर शादी करने का मामला प्रकाश में आया था जिसको लेकर गांव में आक्रोश देखने को मिला था शांति व्यवस्था के मद्देनजर जिला प्रशासन ने मौके पर भारी संख्या में पीएसी और पुलिस बल को तैनात कर दिया था। आरोपियों के परिजनों ने आरोपियों को जेल जाने से बचाने के लिए लड़की का फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र तथा जन्म प्रमाण पत्र और परिवार रजिस्टर की नकल तैयार बालिग सिद्ध करा दिया था। जिसको लेकर मुकदमे की विवेचना कर रहे परसा मलिक थाना क्षेत्र के सेवतरी चौकी इंचार्ज प्रशांत दुबे की भूमिका को लेकर भी ग्रामीणों में आक्रोश था।इसके विरोध में हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष नरसिंह पाण्डेय के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन पत्र भेजकर पूरे मामले की निष्पक्षता पूर्वक जांच करने की मांग किया था। मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया उच्च न्यायालय ने पूरे मामले की निष्पक्षता पूर्वक जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने का निर्देश दिया था उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में जिला प्रशासन ने तीन सदस्य जांच टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराया जांच में कूट रचित दस्तावेज तैयार कर नाबालिक लड़की को बालिग सिद्ध करने का मामला प्रकाश में आने की जानकारी मिली है। सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने के मामले में कई लोगों को दोषी पाया गया है इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा दोषियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कराए जाने के संकेत मिल रहे हैं। मुकदमे की विवेचना कर रहे विवेचक प्रशांत दुबे की भूमिका पर भी सवाल उठे हैंइनके खिली कार्रवाई हो सकती है।
एक नज़र इधर भी
विवेचन प्रशांत दुबे के अनुसार ग्राम प्रधान ने उपलब्ध कराया था प्रमाण पत्र
नाबालिक लड़की के मामले में विवेचना कर रहे विवेचन प्रशांत दुबे ने अपनी केस डायरी में ग्राम सभा के ग्राम प्रधान अनिल यादव के नाम का जिक्र करते हुए लिखा है कि नाबालिक लड़की का शैक्षणिक प्रमाण पत्र गांव के ग्राम प्रधान द्वारा उपलब्ध कराया गया था।इसको लेकर गांव के ग्राम प्रधान की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है ।
डॉक्टरी रिपोर्ट में भी लड़की निकली थी नाबालिग
पुलिस द्वारा लड़की का मेडिकल कराया गया था मेडिकल टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में लड़की को नाबालिक होने का रिपोर्ट दे दिया था लेकिन विवेचक ने डॉक्टरों की रिपोर्ट को भी नजर अंदाज कर दिया था।
मेडिकल रिपोर्ट आने के पूर्व ही विवेचक ने आरोपियों को सौंप दिया था नाबालिक लड़की
लड़की का मेडिकल रिपोर्ट आने के पुर्व ही विवेचक ने नाबालिक लड़की को आरोपियों को सौंप दिया था। मेडिकल रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा विवेचक ने क्यों नहीं किया इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई इसको भी लेकर विवेचक की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

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