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*सीआईएसटी -2025 का भव्य समापन, तकनीकी नवाचारों और शोध प्रस्तुतियों के साथ विद्यार्थियों में उत्साह का संचार*

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*सीआईएसटी -2025 का भव्य समापन, तकनीकी नवाचारों और शोध प्रस्तुतियों के साथ विद्यार्थियों में उत्साह का संचार*

 

इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, गोरखपुर तथा इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स – इंडिया, गोरखपुर लोकल चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “कॉन्फ्रेंस ऑन इनोवेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीआईएसटी -2025)” का समापन दिन अत्यंत उत्साहवर्धक रहा। दिनभर विभिन्न तकनीकी सत्रों, शोध प्रस्तुतियों एवं विशेषज्ञ व्याख्यानों के माध्यम से विद्यार्थियों और शिक्षकों ने नवीनतम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विविध पहलुओं पर गहन जानकारी प्राप्त की।

प्रातः सत्र में प्रशासनिक भवन के कक्षों में शोधपत्र प्रस्तुतिकरण का आयोजन किया गया। कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा फार्मेसी के छात्रों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत कर श्रोताओं को प्रभावित किया। इसके उपरांत डॉ. रोहित कमल चटर्जी (बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा) ने “एसोसिएटिव मेमोरी एवं होपफील्ड नेटवर्क” पर व्याख्यान दिया, प्रोफेसर जीऊत सिंह (मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर) ने “स्मार्ट मटेरियल्स एंड इट्स डिजाइन फॉर स्ट्रक्चरल एनालिसिस” विषय पर प्रकाश डाला।इसी क्रम में डॉ. अशुतोष सिंह (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज) ने “फज़ी लॉजिक एंड इट्स एप्लिकेशन” पर, डॉ. रितु नारंग (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने “डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन फॉर विकसित भारत” पर तथा डॉ. दीप्ति त्रिपाठी (मेदांता अस्पताल, लखनऊ) ने “एमएसपी इन टर्शियरी केयर हॉस्पिटल्स” पर विचार साझा किए।

इसके बाद आमंत्रित वक्ताओं की श्रृंखला में डॉ. उपेंद्र कुमार (राजकीय अभियांत्रिकी संस्थान, लखनऊ) ने “एआई इन साइबरसिक्योरिटी”, प्रोफेसर आर. सी. एस. चौहान (राजकीय अभियांत्रिकी संस्थान, लखनऊ) ने “एरर करेक्टिंग कोड्स: कन्वोल्यूशन कोड्स एंड विटरबी डिकोडिंग”, डॉ. गीति‍का टंडन कपूर (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने “ग्रीन बॉन्ड: सस्टेनेबल फाइनेंशियल प्रैक्टिसेज” और डॉ. स्मृति ओझा (मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, गोरखपुर) ने “ब्रेन डिलीवरी के टार्गेटिंग स्कीम्स” विषयों पर विद्यार्थियों से संवाद किया| डॉ. व्रिजेन्द्र सिंह (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज) ने “जनरेटिव एआई इन टाइम सीरीज ड्रिवन आई.ओ.टी. एप्लिकेशंस”, इंजीनियर आर. पी. तिवारी (सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग) ने “त्रेता और द्वापर युग की अद्भुत तकनीकें”, डॉ. उपेंद्र कुमार ने “एआई इन बायोमेडिकल एंड हेल्थकेयर एप्लिकेशंस”, डॉ. माइरा सिंह (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर) ने “सस्टेनेबल बिजनेस स्ट्रेटजीज” तथा डॉ. ज्योत्स्ना द्विवेदी मिश्रा (स्वस्तिक अस्पताल, गोरखपुर) ने “हीमैटिनिक्स एंड ट्रीटमेंट ऑफ एनीमिया” विषयों पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए।

तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन समारोह डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम सेमिनार हॉल में भव्यता के साथ आयोजित हुआ। समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में सिचाई विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता एवं विभागाध्यक्ष इं आर पी तिवारी ने कहा “तकनीकी और नवाचार आधारित शोध आज के युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यदि विद्यार्थी समस्या सुलझाने वाली सोच विकसित करें और उभरती तकनीकों का रचनात्मक उपयोग करें, तो भारत वैश्विक नेतृत्व में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। सीआईएसटी -2025 ने इस दिशा में विद्यार्थियों को नई प्रेरणा दी है।”उन्होंने साथ मे ही कहा जो कर्तव्यनिष्ठ होगा उसको निश्चित ही सफलता मिलेगी और वही धर्मनिष्ठ भी होगा |

ट्रिपल आईटी प्रयागराज के प्रो वृजेंद्र सिंह ने कहा कि आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी में जो प्रगति हम देख रहे हैं, उसका आधार शोध एवं नवाचार है। यदि हम जमीनी समस्याओं के समाधान हेतु तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा दें, तो भारत विश्वगुरु बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर होगा। सीआईएसटी -2025 जैसे आयोजनों से युवाओं में नवाचार की नई चेतना जाग्रत हुई है।”

समापन सत्र में बोलते हुए प्रोफेसर अशुतोष सिंह ने कहा “साइबर स्पेस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मेल आने वाले भविष्य की दिशा तय करेगा। इस तरह के आयोजनों से शोध की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।”

 

 

सीआईडीसी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. पी. के. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में  तीन दिन हुए कार्यक्रम के पूरे घटना क्रम को विस्तार से बताते हुए कहा “तकनीकी सम्मेलन विद्यार्थियों को अकादमिक दुनिया से वास्तविक समस्याओं की ओर उन्मुख करते हैं। ऐसे आयोजनों से छात्रों का आत्मविश्वास और शोध क्षमता दोनों बढ़ती हैं। इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट निरंतर ऐसे प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है।”

समापन सत्र में संस्थान के निदेशक एवं इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स – इंडिया, गोरखपुर लोकल चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. एन. के. सिंह ने आभार व्यक्त करते हुए कहा “सीआईएसटी -2025 के सफल आयोजन ने संस्थान की नवाचारशीलता और अकादमिक उत्कृष्टता को एक नई ऊंचाई प्रदान की है। मैं सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों, आयोजक मंडल, शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रति अपना गहन आभार व्यक्त करता हूँ, जिनके सहयोग और परिश्रम से यह आयोजन सफलता की नई मिसाल बना। भविष्य में भी हम इसी ऊर्जा और समर्पण के साथ ऐसे शैक्षणिक आयोजनों की परंपरा को आगे बढ़ाते रहेंगे।” कार्यक्रम का संचालन शालिनी सिंह के द्वारा किया गया |

इस अवसर पर संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल,प्रो. बी पी सिंह,फार्मेसी निदेशक डॉ. पी. डी. पांडा, इंजीनियर पवनेश कुमार, इंजीनियर अमित कुमार, डॉ. आर. पी. सिंह, डॉ. वीरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. मनोज कुमार मिश्रा, डॉ. ए. आर. त्रिपाठी, डॉ. आर. एल. श्रीवास्तव, निधि गुप्ता, डॉ. एस. के. पाण्डेय, डॉ. खालिद हसन, डॉ. संत प्रसाद, डॉ. निवेदिता लाल, डॉ. आशुतोष गुप्ता, डॉ. आशुतोष राव, डॉ. अलका श्रीवास्तव,के एन प्रसाद, विनीत राय,  दीप्ति ओझा, श्वेता सिंह, ए. के. सिन्हा सहित संस्थान के समस्त शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे|

 

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