*ब्राम्हणवाद सनातन धर्म का मूल व सर्वसमाज हितकारी चन्द्रमणि पाण्डेय*

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*ब्राम्हणवाद सनातन धर्म का मूल व सर्वसमाज हितकारी चन्द्रमणि पाण्डेय*
आज हर्रैया स्थिति आर्यावाटिका मैरिज हाल में पूर्व निर्धारित बैठक में क्षेत्र के कोने कोने से आये सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों व प्रबुद्धजनों को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने कहा कि सत्य सनातन धर्म के प्रति घटती आस्था के फलस्वरूप नैतिकता का पतन सर्वसमाज के लिए खतरा बनता जा रहा है फलत: जातीय वैमनस्यता के साथ साथ पारिवारिक रिश्तों में भी कटुता इतना बढ़ रही है कि सती सावित्री के अपने पति सत्यवान के प्रति अगाध लगाव से परे पति पत्नी को पत्नी पति तक को जान से मारने में संकोच नहीं कर रही है । प्राणों की आहुति देकर भी अपनी संतति के संरक्षण के भाव से परे माता पिता वात्सल्य भाव से मुंह मोड़ लौकिक सुख से परे दैहिक सुख हेतु चार बच्चों के माता पिता तक फरार हो रहे हैं। कारण धर्म विरोधी लोगों ने विशेषकर जातिवाद के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों ने पाप पुण्य, स्वर्ग नर्क,धर्म अधर्म को कपोल कल्पित साबित करने का काम करते हुए सनातन धर्म को ब्राम्हण हितकारी बताते हुए उसे एक नया नाम ब्राम्हणवाद दे दिया और बता दिया कि धर्म के आड़ में ब्राम्हणों ने ऊंच नीच,छुवा छूत, व जातिवाद फैलाया जबकि सत्य सनातन धर्म ने लोगों को नैतिकता व समाज के प्रति कर्तव्य बताया है हमारे धर्म के अनुसार हमारे आराध्य श्री राम व श्री कृष्ण ने सत्कर्म व मानव सेवा को धर्म बताया माता पिता व गुरूजन को पृथ्वी का भगवान बताया फलत: जहां बालक या शिष्य के तौर पर हमने अपने माता-पिता व गुरूजनों के आज्ञा का पालन किया उनकी सेवा की वहीं आगे चलकर सेवा व सम्मान स्वयं भी प्राप्त किया किन्तु जब धर्म-कर्म को झूठ बताने वालों ने वोट की राजनीति में ईश्वर के ही अस्तित्व को नकार दिया तो फिर माता पिता व समाज का सम्मान कौन करेगा फलत: सर्व समाज में पति पत्नी, पिता पुत्र, भाई बहन का आत्मीय लगाव भी आत्मीयता न रहने के चलते हर कोई सेवा व सम्मान से वंचित हैं हर कोई बदले समाज से दुखी हैं फिर भी वोट बैंक न घटे कुछ लोग धर्म को ब्राम्हण से जोड ब्राम्हणवाद के विरोध में उतर आये हैं। जबकि हमारे धर्म का कोई रीति-रिवाज या संस्कार ऐसा नहीं है जो महज एक जाति से सम्पन्न हो उसमें सबको जोड़ा गया है और धर्म के मूल में जाति नहीं कर्म है किन्तु जाति के नाम पर नौकरी व वोट लेने वालों ने भी ब्राह्मण व ब्राम्हणवाद का विरोध करना अपना कर्तव्य बना लिया है। फलत: हिन्दू आपस में ही लड रहा है जबकि न केवल वर्तमान सरकार बार बार कह रही है कि एक रहो सेफ रहो क्योंकि बांटोगे तो कटोगे अपितु अभी जल्द काश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूंछकर कर हिंदू पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया।फिर भी समाज को शिक्षा देने वाले कुछ अधिकारी व कर्मचारी तक हिंदुओं को बांटने व जातीयता का नफरत फ़ैलाने का काम कर रहे हैं। जिसका परिणाम है हर्रैया में खण्ड शिक्षा अधिकारी रहते शिक्षकों से भेदभाव करने वाले भगवान परशुराम के चित्र को विकृत कर शिक्षक ग्रुपों में प्रसारित करने वाले अधिकारी ने गौर में अपने एक सजातीय रिश्तेदार विजय कुमार पुत्र यमुना प्रसाद जो कि सरकारी शिक्षक है इस बार उनको प्रेरित कर शिक्षक ग्रुपों पर ब्राम्हणवाद की तुलना आतंकवाद से कर उसके सफाये का पोस्ट डलवाया जिसके क्रम में समाज के आप जैसे कुछ जागरूक लोगों के सहयोग से आरोपित शिक्षक पर एफआईआर तो दर्ज हो चुका है किन्तु अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुआ है ऐसे में यदि दोषी शिक्षक व संरक्षण प्रदान कर रहे खण्ड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही नहीं हुआ तो समाज में ऐसी प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा जो कि सर्व समाज के लिए निकट भविष्य में कष्टप्रद साबित होगा कहीं न कहीं हिंदुस्तान में हिंदुओं को बांटने व आपसी वैमनस्य फैलाने वाला पोस्ट देशद्रोह के समान तो है ही उक्त कृत्य कर्मचारी सेवा नियमावली का खुला उल्लंघन भी है । ऐसे शिक्षक हमारे नौनिहालों का कैसा भविष्य संवारेंगे हमने जिलाधिकारी बस्ती को 25 अप्रैल को ज्ञापन देकर निलंबित कर इनकी सेवा समाप्ति की प्रकृया शुरू करने की मांग किया था व कार्यवाही न होने की दशा में 28 अप्रैल दिन सोमवार से जिलाधिकारी कार्यालय पर संघर्ष के क्रम में बेमियादी धरने पर बैठने की बात कहा था ।किसी को किसी व्यक्ति विशेष से समस्या हो तो उसपर टिप्पणी करें न कि पूरे समाज या धर्म पर क्योंकि मैं खुद करीब तीन दशकों से जाति पंथ से परे हर पीड़ित हित जनहित में संघर्ष कर लोगों को न्याय दिला रहा हूं
हम समझते हैं कि ये संघर्ष हमारा अकेले का नहीं आप सबका है निकट भविष्य में ऐसी घटनाओं के पुनरावृत्ति को रोकते हुए सर्व समाज के लिए कल्याणकारी सत्य सनातन धर्म को मजबूत व हिन्दुओं को एकजुट बनाने हेतु ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही आवश्यक है बैठक में जितेंद्र पाण्डेय, महेंद्र चौहान, विजय शंकर तिवारी, कन्हैयालाल तिवारी, श्री नारायण मिश्र,वेद तिवारी व दिवाकर पाण्डेय ने अपने विचार रखे कार्यक्रम का संचालन विमलेंद्र सिंह ने किया इस मौके पर उपस्थित लोगों को श्री पाण्डेय ने आर पार के संघर्ष हेतु कल से कार्यवाही न होने तक जिलाधिकारी कार्यालय पर बेमियादी धरने का संकल्प दिलाया।

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