*शिकायत के निस्तारण में लापरवाही को लेकर जिलाधिकारी की बड़ी कार्यवाही एसडीएम फरेंदा हटाए गए लेखपाल निलंबित।*

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*शिकायत के निस्तारण में लापरवाही को लेकर जिलाधिकारी की बड़ी कार्यवाही एसडीएम फरेंदा हटाए गए लेखपाल निलंबित।*
*राजस्व सहित विभिन्न विभागों में हड़कंप।*
*लेखपाल द्वारा धारा 24 के आदेश का नहीं किया जा रहा था अनुपालन।*
*उपजिलाधिकारी फरेंदा के रूप में अपर डिप्टी कलेक्टर प्रतीक्षा त्रिपाठी को मिली तैनाती।*
*जनसमस्याओं के निस्तारण में शिथिलता को नहीं किया जाएगा बर्दाश्त: जिलाधिकारी*
महराजगंज, 28 मई 2025, जिलाधिकारी श्री संतोष कुमार शर्मा ने जनपद में आते ही स्पष्ट कर दिया है कि जनसमस्याओं की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी कड़ी में धारा 24 के आदेश का क्रियान्वयन न होने को लेकर जिलाधिकारी महोदय ने एसडीएम फरेंदा मुकेश कुमार को हटाने और प्रभारी कानूनगो फरेंदा को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। कार्यवाही के बाद राजस्व विभाग समेत सभी विभागों में हड़कंप है।
तहसील फरेंदा के ग्राम मथुरानगर में धारा 24 के वाद में जारी आदेश के अनुपालन में जानबूझकर शिथिलता बरतने और जनवरी माह से पत्थर नसब की कार्यवाही को लंबित रखने पर कड़ी कार्यवाही करते हुए जिलाधिकारी महोदय ने लेखपाल उपेंद्रनाथ त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्होंने एसडीएम फरेंदा श्री मुकेश कुमार को हटाते हुए अपर उपजिलाधिकारी सुश्री प्रतीक्षा त्रिपाठी को एसडीएम फरेंदा के पद पर तैनात किया है।
लेखपाल उपेंद्रनाथ जो कि प्रभारी कानूनगो फरेंदा के रूप में भी कार्यरत थे। उनके द्वारा एसडीएम फरेंदा धारा 24 के आदेश के बाद भी जनवरी माह से पत्थर नसब नहीं कराया जा रहा था। प्रकरण के संज्ञान में आने पर उक्त मामले की जांच अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) द्वारा की गई। जांच में लेखपाल उपेंद्रनाथ त्रिपाठी दोषी पाए गए, जिसके बाद जिलाधिकारी महोदय द्वारा उक्त कार्यवाही की गई।
जिलाधिकारी महोदय ने कहा है कि धारा 24 जैसे महत्वपूर्ण प्रकरणों में लापरवाही और कर्मचारियों द्वारा अनुशासनहीनता को किसी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी और कर्मचारी अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन सजगता से करें, अन्यथा कार्यवाही के पात्र होंगे। जिलाधिकारी महोदय ने निर्देशित किया है कि भविष्य में जनशिकायतों का निस्तारण शासन के निर्देशों के अनुसार गुणवत्तापूर्वक किया जाए। जनसमस्याओं का समाधान संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व के साथ किया जाना शासन की प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।
कार्यवाही के बाद से सभी अधिकारी अपने–अपने विभागों की पत्रावलियों को ठीक करने और प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में जुट गए हैं। जिलाधिकारी महोदय ने जनपद में आने के साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि जनशिकायतों का ससमय और गुणवत्तापूर्ण समाधान उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी।

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