*उज्जवल हास्पिटल में प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर खड़े हुए सवाल*

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*उज्जवल हास्पिटल में प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर खड़े हुए सवाल*
(प्रदेश प्रभारी राकेश त्रिपाठी)
*हाइलाइट्स:*
*प्रसव के दौरान गायब थे चिकित्सक, नवजात शिशु की हुई मौत*
*एक महीने पहले भी इस हास्पिटल में हुई थी जच्चा-बच्चा की मौत*
*करीब दो-तीन वर्ष पहले अनियमिताओं में सील हुआ था उज्जवल हास्पिटल*
*ऐसे हास्पिटल के संचालन पर स्वास्थ्य विभाग पर खड़े हो सवालिया निशान*
महराजगंज/निचलौल: जिले के निचलौल थाना क्षेत्र के अन्तर्गत निचलौल कस्बे में चमनगंज पुल के समीप स्थित उज्जवल हास्पिटल एक बार फिर अनियमिताओं के सुर्खियों में आया है जहां प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई है। परिजनों द्वारा डाक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। नवजात शिशु की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया तथा हास्पिटल में भीड़ इकट्ठा हो गई। हास्पिटल के स्टाफों द्वारा परिजनों को बरगलाने की कोशिश भी की गई तथा हास्पिटल नवजात की मौत का जिम्मेदार अपने आप को नहीं ठहरा रहा है।
जानकारी के मुताबिक नवजात की मौत की सनसनी तेजी से फैल गया जिसकी सूचना पाकर नोडल अधिकारी डाक्टर राजेश द्विवेदी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि, महिला के प्रसव के दौरान हास्पिटल में कोई डाक्टर उपस्थित नहीं थे।
*करीब दो-तीन साल पहले अनियमिताओं में सील हो चुका है यह हास्पिटल:-*
आपको बता दें कि, करीब दो- तीन साल पहले महराजगंज के पूर्व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा इस हास्पिटल का आकस्मिक निरीक्षण गया था, जहां अनियमिताओं से घिरे इस हास्पिटल के ओटी को उन्होंने सील कर दिया था।
इस प्रकरण में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ श्रीकांत शुक्ला से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि, यह एक जांच का विषय है। प्रसव के दौरान नौजात शिशु की मौत हुई है। नोडल अधिकारी डाक्टर राजेश द्विवेदी को जांच की कमान सौंपी गई है। अगर जांच अधिकारी द्वारा भी अनियमियता पायी जाती है तो उनके ऊपर भी कार्यवाही की जाएगी।
*स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर उठ रहे सवाल:*
जब सीएमओ साहब से पूछा गया कि आपके द्वारा, जिले में निजी अस्पतालों व बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अवैध पैथालॉजी व अल्ट्रासाउंड की जांच के लिए
लिए जो आठ सदस्यीय टीम नियुक्त की गई थी उस टीम द्वारा अभी तक कोई विशेष कार्यवाही नहीं की गई है…??
इस सवाल पर सीएमओ ने बताया कि, निजी अस्पतालों व स्वास्थ्य विभाग में अनियमिताओं की जांच हेतु आठ सदस्यीय टीम नियुक्त की गई थी। विभागीय काम हेतु टीम विशेष रूप से सक्रिय होकर कार्य नहीं कर पाई। फरेंदा व कुछ अन्य जगहों पर चल रहे अवैध पैथालॉजी वगैरह पर कार्रवाई की गई है पर अब टीम की ढ़ीलापन कत्तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
देखना अब यह होगा कि, मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला प्रशासन द्वारा इस हास्पिटल पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है।

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