*महाव नाला पर अधिकारी मेहरबान,बघेला नदी पर खामोशी क्यों*

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*महाव नाला पर अधिकारी मेहरबान,बघेला नदी पर खामोशी क्यों*
— महाव नाले के नाम पर लाखों खर्च,बघेला नदी के किसानों की अनदेखी
अम्बिका दत्त चौबे नौतनवा महाराजगंज
महाराजगंज। नौतनवा तहसील क्षेत्र की महाव नाला को लेकर हर वर्ष तटबंध की मरम्मत में लाखों रुपए सरकार खर्च करती है आपको बताते चले कि मानसून की पहली बरसात में ही सरकार के लाखों रुपए पानी की तरह बह जाती है लेकिन किसानों को कोई खास लाभ नहीं मिल पाता है वही नौतनवा तहसील क्षेत्र में बघेला नदी पर महराजगंज की जिम्मेदार अधिकारी या नेता का निगाह क्यों नहीं पड़ती जब की बघेला नदी और महाव नाला दोनों नेपाल के पहाड़ों से निकलकर भारत में प्रवेश करती है महाव नाला बघेला नदी दोनों के तटबंध टूट जाने से लाभग कई दर्जनों गांवों के किसानों की फसल बर्बाद हो जाती हैं जिससे किसानों को काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है बघेला नदी से नुकसान को लेकर कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि की निगाहें नहीं पड़ती अधिकारी और जनप्रतिनिधि किसानों के दुःख में रोटी सेकने काम करते है लेकिन पीड़ित किसानों को लेकर किसी ने भी आवाज आज तक नहीं उठाई वहीं जिम्मेदार अधिकारी मौन है जिससे बघेला नदी के आसपास बसे ग्रामीणों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है बघेला नदी की बाढ़ को लेकर जिले के अधिकारी मौन रहते हैं आखिर क्यों ? समाचार पत्रों में भी जल्दी बघेला नदी के बारे में प्रकाशासन नहीं होता है यह एक चिंता का विषय है वहीं किसानों का जीवन खेती के ऊपर निर्भर रहता है। जहां सरकार हर साल करोड़ों रूपये खर्च करती नाले के मरम्मत को लेकर तो वहीं किसानों के हजार एकड़ धान की फसल बर्बाद हो जाते हैं यह एक चिंता का विषय है।
इस संबंध में बाढ़ खंड अधिकारी जितेंद्र पटेल का कहना है की बघेला नदी का जो रख रखाव है वह ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत के द्वारा कराया जाता है, इस पर केवल बाढ़ खंड विभाग के द्वारा अनुमति लिया जाता है, यह काम पूरा क्षेत्र पंचायत ग्राम पंचायत ही करवाता है।

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