*जनपद में सहकारिता विभाग को मिली 1032 मै. टन यूरिया, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत।*

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*जनपद में सहकारिता विभाग को मिली 1032 मै. टन यूरिया, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत।*
जनपद को आज 1032 मै. टन यूरिया प्राप्त हो रहा है। नकहा जंगल रैक पॉइंट पर चंबल की यूरिया की रैक से सहकारिता विभाग को 383 मै. टन यूरिया का स्टॉक प्राप्त हो रहा है। साथ ही निजी दुकानों को भी 315 यूरिया प्राप्त हुई है।साथ ही कोरोमंडल की लगने वाली रैक से 649 MT यूरिया प्राप्त हो रही है, जिसका आवंटन समितियों को किया जा रहा है।एआर कोऑपरेटिव ने बताया कि प्राप्त यूरिया जनपद की ऐसी सभी समितियों पर भेजा जा रहा है, जहाँ यूरिया का स्टॉक कम है। चंबल की प्राप्त होने वाली 383 MT यूरिया का आवंटन 19 समितियो को किया गया है, जिसमे आनन्दनगर, परसौना, धरैची, दरहटा, मनिकतालाब, पुरंदरपुर, महुअवा अड्डा, मंगलपुर पटखौली, बेलभरिया आदि शामिल है। इसी प्रकार निजी क्षेत्र को प्राप्त 315 mt चंबल की यूरिया भी निजी दुकानों को आवंटित की गई है। कल उत्तम कम्पनी की 1700 बोरी यूरिया भी निजी दुकानों को प्रेषित की गई है।
इसके अतिरिक्त जनपद को 04 दिन पूर्व भी इफको की रैक से 1338 मै. टन यूरिया प्राप्त हुआ था, जिसे समितियों पर भेजा गया था। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सभी समितियो पर लगातार पर्याप्त उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है, ताकि कृषक बंधुओ को परेशानी का सामना न करना पड़े। कृषकों से अपील है कि अग्रिम भंडारण न करें और जरूरत के अनुसार ही उर्वरक क्रय करें। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति बनाये रखने हेतु नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का प्रयोग करें।
जनपद में कुल सहकारिता विभाग की 92 साधन सहकारी समितियां हैं। इनके अतिरिक्त इफको के 03 और पीसीएफ का 01 किसान सेवा केंद्र है, जिनके माध्यम से खाद का वितरण किया जाता है। साथ ही निजी उर्वरक विक्रेताओं द्वारा भी खाद की बिक्री की जाती है। सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी समितियों और किसान सेवा केंद्रों के माध्यम से अभी तक लगभग 12000 मै.टन यूरिया की बिक्री की जा चुकी है। आज प्राप्त यूरिया को 57 समितियो को प्रेषित किया जा रहा है, ताकि किसानों को यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सके। शेष केंद्रों पर यूरिया उपलब्ध है। यूरिया की नवीन रैक जनपद को मिलने से किसानों ने राहत की सांस ली है।
जिलाधिकारी ने उपलब्ध यूरिया व अन्य उर्वरकों का वितरण शत–प्रतिशत पॉस मशीन के माध्यम से ही करने का निर्देश देते हुए कहा कि उर्वरक बिक्री आधार और खतौनी का सत्यापन के उपरांत रकबे के अनुसार करने के लिए कहा। उन्होंने निजी विक्रेताओं द्वारा ओवर रेटिंग की शिकायतों के संदर्भ भी नियमित स्थलीय निरीक्षण का निर्देश दिया है।

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