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*किन मुद्दों पर फेल हुई बीजेपी, इस बार क्यों नहीं चला ‘मोदी लहर’ का जादू-वाराणसी में क्यों कम हुआ जीत का अंतर*

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*किन मुद्दों पर फेल हुई बीजेपी, इस बार क्यों नहीं चला ‘मोदी लहर’ का जादू-वाराणसी में क्यों कम हुआ जीत का अंतर*

 

वाराणसी–देश की सबसे प्रमुख लोकसभा सीट वाराणसी से नरेन्द्र मोदी ने जीत हासिल की है। नरेन्द्र मोदी इस बार अत्यंत कम मार्जिन से जीते हैं। जिसे लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व में मंथन चल रहा है।

चुनाव नतीजों की बात करें, इस बार वाराणसी में भाजपा को काफी नुकसान हुआ है। इसके पीछे की एक वजह कम मतदान को होना भी बताया जा रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो अधिक मतदान से हमेशा सत्ताधारी पार्टी को फायदा हुआ है। लेकिन इस बार पिछले डेढ़ दशक में सबसे कम मतदान हुआ है। जिसका असर सीधा चुनाव नतीजों पर पड़ा है। वैसे मतदान के दिन ही कम मतदान के आंकड़ों ने भाजपा की नींद उड़ा दी थी। मोदी के गढ़ में कम मतदान ने भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी थी। बीजेपी ने इस बार के चुनाव में पीएम को 10 लाख वोट दिलाने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा था। इसी के बूते पर भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा भी दिया था।

 

वहीं राजनीति के गलियारों के इस बात की भी चर्चा है कि पार्टी के पदाधिकारी इस बार चुनाव प्रचार में जमीन पर न उतरकर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को भुनाने में लगे रहे। उन्होंने जनता को राम मंदिर, CAA, POK, ज्ञानवापी आदि में उलझाए रखा। जबकि प्रधानमंत्री द्वारा जारी योजनाओं व परियोजनाओं को काशी की जनता के जुबान से काफी दूर रखा। जिसका नतीजा इस बार के चुनाव परिणाम में देखने को मिला।

 

वहीं कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि भाजपा नेता मोदी और योगी के चेहरे को प्रयोग कर अपनी चुनावी नैया पार लगाना चाहते थे। वह जनता को ‘मोदी लहर’ और ‘मोदी सुनामी’ बताने से भी गुरेज नहीं किए। जबकि इसके ठीक विपरीत इंडी गठबंधन के नेताओं ने स्थानीय मुद्दों को जनता के बीच भुनाना चाहा। सबसे बड़ी विडंबना इस बात की रही कि वाराणसी लोकसभा सीट के अंतिम चरण के चुनाव में केंद्रीय मंत्रीमंडल समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं और स्टार प्रचारकों ने इस सीट पर आकर नरेन्द्र मोदी के पक्ष में प्रचार किया। नतीजन न बेहतर मतदान हुआ न बेहतर चुनाव परिणाम निकले।

 

एक नजर मतदान के आंकड़ों पर

 

वर्ष               मतदान प्रतिशत

 

2019            58.05 %

 

2014            58.35 %

 

2009            42.61 %

 

2004            42.55 %

 

1999            45.20 %

 

कब कितने मार्जिन से जीते मोदी

 

वर्ष            वोटों का अंतर

 

2014            3,37,000

 

2019            4,79,000

 

2024            1,52,513

 

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