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*हरे भरे वृक्ष जीवन के लिए प्रेरणादायक-वृक्षों के बगैर दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते-दिनेश मिश्र*

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*हरे भरे वृक्ष जीवन के लिए प्रेरणादायक-वृक्षों के बगैर  दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते-दिनेश मिश्र*

 

 

हम पेड़ों के बिना किसी दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते क्योंकि उनके बिना कोई दुनिया नहीं होगी। पेड़ पृथ्वी ग्रह पर सबसे आवश्यक प्राणियों में से एक हैं। वे जीवित प्राणी जिस हवा में सांस लेते हैं उसे साफ करने के लिए लगातार काम करते हैं। इसके अलावा, वे हमें असंख्य उपहार देकर दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाते हैं।

पेड़ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

खाने के लिए सब्जियां, फल, फूल, दवाईयां आदि हमें पेड़ों से ही प्राप्त होते हैं।

पेड़ हमे एक स्वच्छ और प्रदूषणरहित वातावरण देते हैं।

पेड़ का प्रयोग हम ईंधन के रूप में करते हैं और लकड़ी  की फर्नीचर  बनाने में।

पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और बदले में हमें  ऑक्सीजन देते हैं जो हमारे लिए अति आवश्यक है।

पेड़ों का जीवन काल बड़ा  लंबा होता है।

पेड़ हमें  छाया और सुरक्षा प्रदान करती है।

दुनिया भर में पेड़ों की कई प्रजातियां पायी जाती हैं।

पेड़ हमारे जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए बड़ी भूमिका अदा करते हैं।

हमें पेड़ों की  रक्षा करनी चाहिए और साथ ही अधिक पेड़ लगाने के लिए एक दूसरे को प्रेरित करना चाहिए।

 

हरे-भरे पेड़ों की हरियाली देखकर मन प्रसन्न क्यों होता है?

हाहाहा

 

मनुष्य ही वह एक मात्र जानवर है, जो बुद्धि, समझ, अनुभूति की क्षमता होते हुए यह नहीं जानता

 

जबकि उसी प्रकृति से पैदा हुए सभी पशु, पक्षी, सरीसृप, जलीय जीव, बिना नहाये, बाल संवारे, प्रकृति से ही आहार लेते हुए, इस एकमात्र प्रबुद्ध (?!!) माने जाने वाले से हमेशा ही इतने आकर्षक लगते हैं !!

 

क्या, यदि मैं यह कहता हूँ कि इन्हीं जानवरों में से, कुछ नि:कृष्टतम जानवरो और मनुष्य की तुलना मनुष्य से कर दी है, जैसे सूअर, गीदड़, सियार — तो क्या कहर ढाया है मैंने ?!!

 

क्या प्रश्न कर्ता की ग्राह्यता है इतनी व्याख्या से ही समझ जाने की या मैं और विस्तार में जाऊं ?!! अवगत करियेगा !!

 

डलहौज़ी मन ही मन क्यों प्रसन्न हुआ?

क्या अवचेतन मन की शक्ति से हर ईलाज संभव है?

वृक्षों की तुलना संतों से क्यों की जाती है?

किन चीजों को देखकर आपका मन अत्यधिक प्रसन्न होता है?

क्या रंग हमारे मन पे प्रभाव डालते हैं?

प्रकृति शब्द सुनते ही हमारे मन में केवल हरे भरे पेड़ पौधों हरियाली की तस्वीर क्यों उभरती है?

वृक्ष हमारे जीवन में कितने उपयोगी हैं। यह सच किसी से छिपा नहीं है। हमें बचपन से ही जल जंगल और जमीन का महत्व समझाते हुए प्रकृति के बारे में बताया हुआ है जबकि हम सब ही प्रकृति का हिस्सा है वास्तव में यह धरती का गहना हैं और प्रकृति का श्रंगार करते हैं। धरती पर हरियाली ही इन पेड़ों की देन है। मौसम, जलवायु, बारिस भी इन पेड़ों की देन है। यह हमें प्राणवायु देने के साथ ही पर्यावरण में मौजूद तमाम जहरीली गैसों को ग्रहण कर हमें शुद्ध आक्सीजन की पूर्ति करते हैं। अगर पेड़ न हों तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती।प्रकृति की अनुपम धरोहर पेड़ों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव है। इसके चलते इनके ऊपर अत्याचार कर आरी चलाई जा रही है। इनका मानव जीवन में कितना महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति को इसके बारे में समझना होगा। मनुष्य श्वसन क्रिया के दौरान आक्सीजन ग्रहण करता है, जबकि बदले में शरीर के अंदर से कार्बन डाई आक्साइड़ निकालता है। यह दूषित गैस हमारे पर्यावरण में घुल जाती है। लेकिन इसके विपरीत वृक्ष कार्बन डाईआक्साइड़ अवशोषित कर शुद्ध आक्सीजन वायुमंडल में प्रवाहित करते हैं। इससे हम आक्सीजन ग्रहण कर अपनी दिनचर्या पूरी करते हैं। पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना शून्य है। इन पेड़ों के अंदर तमाम औषधीय गुण भी विद्यमान हैं। पेड़ की जड़, तना व फल तमाम बीमारियों को दूर भगाने के काम आते हैं। इसके अलावा यह पेड़ प्रकृति का श्रंगार भी हैं। हरे-भरे वृक्ष प्रकृति की अनुपम छटा का अहसास कराते हैं। इसीलिए हम सभी को पेड़ लगाने से लेकर उनके संरक्षण तक अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। तभी हम प्रकृति का संरक्षण कर पायेंगे। प्रत्येक मनुष्य को प्रतिवर्ष एक-एक पेड़ लगाकर उनके संरक्षण का बीड़ा उठाना होगा। तभी हम प्रकृति की रक्षा कर पायेंगे।

 

न्यूज़ एंटी करप्शन भारत, दिनेश मिश्रा

 

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