*पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का कोर्ट ने अग्रिम जमानत किया खारिज*

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*पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का कोर्ट ने अग्रिम जमानत किया खारिज*
राहुल मद्देशिया अपहरण केस में कोर्ट ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम/एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने किया खारिज । अपहरण कांड में अमरमणि त्रिपाठी के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस केस में अमरमणि की संलिप्तता रही है। अपहर्ताओं को संरक्षण देने, उन्हें गाड़ी व धन उपलब्ध कराने में उनकी भूमिका थी। अमरमणि पर 36 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते समय स्टेट ऑफ हरियाणा बनाम धर्मराज के केस की अपील संख्या 2635 / 2023 के मामले में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया जा चुका है कि अगर अभियुक्त फरार हो तथा उसको उद्घोषित अपराधी घोषित किया जा चुका हो तब उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
कोर्ट ने कहा कि वह जानबूझकर कोर्ट में नहीं आ रहे है। मामले को लगातार विलंबित कर रहे है। अपहरण मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई 24 को होनी है। बता दें कि छह दिसंबर वर्ष 2001 को बस्ती कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्त के बेटे का अपहरण हो गया था। तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने उसे बरामद किया था। इस मामले में पूर्व विधायक समेत नौ लोग आरोपित रहे।
जमानत अर्जी में वकील ने क्या दिया था दलील
अमरमणि त्रिपाठी के वकील ने तीन जुलाई 2024 को अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। जमानत अर्जी में वकील ने लिखा था, अमरमणि को परेशान करने के लिए फंसाया गया है। वह एफआईआर में नामजद अभियुक्त नहीं है। विवेचना में अन्य के साथ सहअभियुक्त में नाम बढ़ा दिया गया है। इस मामले में 19 दिसम्बर 2001 को लखनऊ में उनकी गिरफ्तारी हुई। ट्रांजिट रिमांड पर बस्ती न्यायालय में 21 दिसम्बर 2001 को पेश किया गया था। वकील ने लिखा था कि एक फरवरी 2002 को जमानत पर रिहा होने का आदेश हुआ था।
दूसरे केस में वह 20 वर्षों तक कारागार में निरुद्ध थे। इस समय भी वह बीमार चल रहे हैं और डॉक्टर की निगरानी में हैं। मुकदमे के वादी की मृत्यु हो चुकी है। राहुल ने स्वयं सुलहनामा दाखिल किया है कि अपहरण में अमरमणि की कोई भूमिका नहीं है। प्रार्थी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट न्यायालय से जारी है। गिरफ्तार होने की आशंका है। इसलिए अग्रिम जमानत पर रिहा करने की कोर्ट से अपील है। कोर्ट ने वकील की दलीलों को सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित कर लिया था। गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।अमरमणि की लखनऊ में दो और संपत्तियां मिलने की बात सामने आई। इन संपत्तियों की कुर्की के लिए पुलिस ने कमिश्नरेट लखनऊ के एसडीएम से पत्राचार किया है। इसका हलफनामा विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में दिया है। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम प्रमोद कुमार गिरि की अदालत में सुनवाई के दौरान बस्ती पुलिस ने हलफनामा दिया है। कहा है कि अमरमणि की लखनऊ स्थिति संपत्तियों की कुर्की के लिए पत्राचार किया गया है।

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