*कारगिल विजय दिवस पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास कार्यालय पर पूर्व भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि*

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*कारगिल विजय दिवस पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास कार्यालय पर पूर्व भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि*
मथुरा में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास कार्यालय पर पूर्व भारतीय सेना के उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान कर्तव्य को निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया । इस अवसर पर जिला भूतपूर्व सैनिक संघ के कोर्डिनेटर खेमचंद शर्मा ने स्थित युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों की वीरता को याद करते हुए श्रद्धांजलि समर्पित की और स्वयं को देश की सुरक्षा और सम्मान मे तत्पर रहने के लिए प्रेरित किया।
अवसर पर कारगिल का युद्ध लड़ने वाले सैनिक ने कारगिल युद्ध की दास्तान बताइए।
पूर्व सैनिक दयानंद अग्निहोत्री ने बताया कि वह उसे समय फाजलिका बार्डर पर तैनात थे। पंजाब बॉर्डर पर और पाकिस्तान से युद्ध चल रहा था उन्होंने बताया कि किस प्रकार से उनके द्वारा दुश्मन के दांत खट्टे किए गए और पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया।
कारगिल युद्ध हमारे युवा अधिकारियों और सैनिकों की बहादुरी क प्रतीक रहा है, जिन्होने भारी बाधाओं के बावजुद लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्र में कारगिल और द्रास जिलों में पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय क्षेत्र से बाहर खदेड़ दिया । इस दिन भारतीय सेना ने घुसपैठ करने वाले दुश्मन से ऊंची पर्वतीय चोटियों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया था। कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों के सम्मान में और वर्ष 1999 में भारत की पाकिस्तान पर जीत के स्मरण में मनाया जाता है ।

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