*पकड़े गए तीन आदमखोर भेड़िए, तीन की तलाश जारी,सीएम योगी ने तलब की रिपोर्ट*

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*पकड़े गए तीन आदमखोर भेड़िए, तीन की तलाश जारी,सीएम योगी ने तलब की रिपोर्ट*
बहराइच।भागो…भागो..भेड़िया आया, बिल्कुल ऐसा ही खौफ उत्तर प्रदेश का बहराइच इन दिनों झेल रहा है।नेपाल की सीमा से सटे बहराइच के करीब 30 गांवों के लोग पिछले दो महीने से खादमखोर भेड़ियों से आतंकित हैं।आतंकित हो भी क्यों न, भेड़िए अब तक 9 लोगों को अपना शिकार जो बना चुके हैं। पिछले दो महीनों में आठ बच्चे और एक महिला इन आदमखोर भेड़ियों की भेंट चढ़ चुके हैं, वहीं दो दर्जन लोगों घायल हो चुके हैं।
बता दें कि बहराइच जिले का उत्तरी भाग तराई क्षेत्र है।उत्तरी भाग घने जंगलों से घिरा है।चकिया,
सुजौली,निशानगारा,मिहींपुरवा,बिछिया और बघौली बहराइच के मुख्य वन क्षेत्र हैं।यहां का कतर्नियाघाट भी बहुत प्रसिद्ध है।यहां अभी तक तीन आदमखोर भेड़िया पकड़े जा चुके हैं।आदमखोर भेड़ियों का ये हमला बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र में हो रहा है।हरदी थाना क्षेत्र में 24 से अधिक गांवों में लोग दिन-रात जागकर पहरेदारी कर रहे हैं। बीते सोमवार की रात भेड़ियों ने हमला करके एक गांव के तीन बच्चों को घायल कर दिया था।
डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर आकाश का कहना कि अभी तक तीन भेड़िया पकड़े जा चुके हैं और ऐसा लगता है कि अभी तीन और हैं जिन्हें पकड़ने के लिए ड्रोन और ट्रेंकुलाइजर की मदद ली जा रही है।जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा।आकाश का कहना है कि इनमें से एक आदमखोर भेड़िया घायल है।जब यह अपने स्वाभाविक शिकार को नहीं कर पाते, तब यह अपने से कमजोर शिकार की तरफ आकर्षित होते हैं। फिलहाल इन भेड़ियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव कहते हैं कि इस समय जंगलों में पानी भर जाने के कारण वन्यजीव भोजन की तलाश में बाहर निकल आते हैं। यही वजह है कि बहराइच में भी भेड़िए जंगलों से सटे गांवों में हमला कर रहे हैं।
बहराइच जिले के कुलैला गांव में बुधवार देर रात अचानक आदमखोर भेड़िया एक घर में घुस गया।भेड़िए ने सोते हुए एक व्यक्ति को खींचने की कोशिश की। व्यक्ति का कहना है कि वो अपनी पत्नी के साथ कमरे में सो रहा था कि अचानक भेड़िया आया,जिससे उसकी आंख खुल गई फिर उसने शोर मचाया। घर के बाकी लोग जाग गए तो भेड़िया भाग गया। गनीमत रही कि भेड़िया ने उसको अपना शिकार नहीं बनाया। दरअसल बहराइच के ग्रामीण इलाकों में घर जंगल से बिल्कुल सटे हुए हैं।ये आदमखोर भेड़िये इन्हीं जंगलों में झुंड बनाकर घूम रहे हैं।रात के समय खासतौर से ये आदमखोर भेड़िये घरों की दीवारों को कूद कर अंदर घुसते हैं। इन घरों में किसी भी कमरे में दरवाजे नहीं लगे होते।खुले कमरे में परिवार के महिला, पुरुष और बच्चे सो रहे होते हैं।बेहद आसानी से टहलते हुए ये आदमखोर भेड़िये कमरे के अंदर घुसकर बच्चों को मुंह में दबाकर जंगल में तुरंत भाग जाते हैं।
आदमखोर भेड़ियों का झुंड अभी तक नौ लोगों की हत्या कर चुका है।इसमें 8 बच्चे और एक महिला है।बुधवार रात कुलेला गांव के घर में घुसे भेड़िए ने एक व्यक्ति पर हमला करने की कोशिश की।घर की महिलाओं का कहना है कि पूरी रात वह जागकर घरों में पहरेदारी करते हैं, ताकि बच्चे सो सकें। महिला ने बताया कि अचानक रात में कमरे में भेड़िया आया और उसने हमला किया,लेकिन शोर मचाने से वह भाग गया। भेड़ियों के खौफ को देखते हुए वन राज्य मंत्री अरुण सक्सेना भी बहराइच पहुंचे और यहां कई गांव का दौरा किया।कुलेला गांव में उस घर में अरुण सक्सेना गए, जहां पर बुधवार की रात आदमखोर भेड़िया ने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया था। वन राज्य मंत्री अरुण सक्सेना का कहना है कि कुल छह भेड़िया हैं जिनमें से तीन को पकड़ लिया गया है, बाकी तीनों को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा। प्रशासन को आदेश दिया गया है कि हर घर में दरवाजे लगाए जाएं ,लाइट लगाई जा रही हैं ताकि अंधेरे में किसी को शौच के लिए न जाना पड़े और लोगों से गुजारिश की जा रही है कि लोग रात में घरों के अंदर ही रहें, बाहर न निकलें।बच्चों का खास तौर पर ख्याल रखें।
आदमखोर भेड़ियों के इस झुंड को पकड़ने के लिए स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह खुद हाथों में बंदूक लेकर रात भर जंगलों में भेड़ियों की तलाश करते हैं।सुरेश्वर सिंह का भी कहना है कि यह छह भेड़िया हैं, जिनमें से तीन को पकड़ लिया गया है।विधायक के घर के सामने ही खेतों में भी कल देर रात दो आदमखोर भेड़ियों के पैरों के निशान मिले थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले की रिपोर्ट तलब की है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि वन विभाग ने मुख्यमंत्री को भी बहराइच में लगाई गईं टीमों और अब तक के प्रयासों की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने भेड़ियों को पकड़ने और प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के लिए कहा है।
बता दें कि बहराइच जिले के 30 गांवों की रातें इन दिनों काफी डरावनी हैं।लोग रतजगा कर रहे हैं,महिलाएं बच्चों संग घरों में कैद हैं।डर है भेड़ियों का,जिन्होंने आतंक मचा रखा है। पहले मार्च से जून तक तो छिटपुट घटनाएं हुईं, लेकिन इधर एक महीने में भेड़ियों के झुंड ने छह बच्चों और एक महिला को मौत के घाट उतार दिया। 35 को घायल कर चुके हैं, जिनमें बच्चे, महिलाएं व वृद्ध हैं। भय के इस माहौल में कुछ परिवारों ने तो अपने बच्चों को बाहर रिश्तेदारी में भेज दिया है।महसी तहसील क्षेत्र में भेड़ियों के आतंक की शुरुआत मार्च में हुई, जब 10 मार्च को मिश्रनपुरवा की तीन वर्षीय बच्ची को भेड़िया उठा ले गया। 13 दिन बाद 23 मार्च को नयापुरवा में डेढ़ वर्षीय बच्चा भेड़िए का शिकार बना। अप्रैल से जून के अंत तक भेड़ियों के हमले में 10 बच्चे और वृद्ध घायल हुए।उसके बाद 17 जुलाई से अब तक एक महिला और आठ बच्चों को भेड़ियों ने शिकार बनाया।भेड़ियों पर काबू पाने के लिए वन विभाग ने आस-पास के जिलों की टीमें भी बुला ली हैं। कुल 12 टीमें यहां तैनात की गईं हैं।वन्यजीवों के तापमान से भेड़ियों का पता लगाने वाले थर्मल ड्रोन भी यहां लगाए गए हैं।

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