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*आतंकवाद निरोधक दस्ता गोरखपुर अब करेगा जांच- नेपाल के रास्ते भारत में चीनी नागरिकों ने किया था घुसपैठ-जानिए क्या है पूरा मामला*

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*आतंकवाद निरोधक दस्ता गोरखपुर अब करेगा जांच- नेपाल के रास्ते भारत में चीनी नागरिकों ने किया था घुसपैठ-जानिए क्या है पूरा मामला*

 

 

सोनौली-नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ करते समय सोनौली सीमा पर चीनी नागरिक पकड़े गए थे। आतंकवाद निरोधक दस्ता गोरखपुर अब जांच कर रहा है कि वे गोरखपुर क्यों आ रहे थे। एटीएस यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि काठमांडू में लबसंग शेरिंग को 33 हजार रुपये किसने दिए और गोरखपुर पहुंचने के बाद चीनी नागरिक किसके साथ और कहां जाते।

 

एक अगस्त 2024 को नेपाल से आते समय सोनौली में चीनी नागरिक समेत तीन पकड़े गए थेकाठमांडू के व्यक्ति ने गोरखपुर पहुंचाने के लिए फौजी के बेटे को दिए थे 33 हजार

 

एटीएस गोरखपुर यूनिट के दारोगा को मिली विवेचना, जांच में होगा साजिश का पर्दाफाशगोरखपुर/ महराजगंज! नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ करते समय सोनौली सीमा पर पकड़े गए चीनी नागरिक गोरखपुर क्यों आ रहे थे, इसकी जांच एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) गोरखपुर करेगी। एक अगस्त 2024 को महराजगंज जिले के सोनौली कोतवाली में दर्ज मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेजों को विवेचना कर रहे एटीएस के दारोगा को सौंप दिए दिया गया है। जांच में बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो सकता है।

 

बता दें कि एक अगस्त 2024 को नेपाल से आ रहे दो चीनी नागरिकों समेत तीन लोगों को एसएसबी व खुफिया एजेंसी की टीम ने चेकिंग के दौरान सोनौली में पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि पिछले 20 वर्ष से काठमांडू में रहने वाले तिब्बती नागरिक लबसंग शेरिंग के पिता भारतीय सेना में सैनिक थे।लबसंग अपने साथ चीनी नागरिक जू वाकयांग व यंग मेंगमेंग को गोरखपुर लेकर आ रहा था। इसके लिए काठमांडू के एक व्यक्ति से उसे 33 हजार रुपये मिले थे। खुफिया एजेंसी व एसएसबी की टीम ने भाषा विशेषज्ञ की मदद से जब दोनों चीनी नागरिकों से भारत आने की वजह पूछा तो गुमराह करने के लिए उन्होंने बताया कि जड़ी-बूटी के पौधे की तलाश में वह घुसपैठ कर रहे थे।

 

चीनी नागरिकों के पास से भारतीय नागरिकता से संबंधित फर्जी दस्तावेज मिलने के बाद खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने दोनों की गतिविधि को संदिग्ध बताते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की थी। एसपी महराजगंज सोमेंद्र मीणा ने भी अभिसूचना (मुख्यालय) के अधिकारियों को पूछताछ की आख्या भेजी थी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इस मामले की विवेचना एटीएस को सौंप दी।पूरे नेटवर्क की छानबीन करेगी एटीएस

 

काठमांडू में लबसंग शेरिंग को 33 हजार रुपये किसने दिए थे। गोरखपुर पहुचंने के बाद चीनी नागरिक किसके साथ और कहां जाते इन सवालों का जवाब अब एटीएस ढूंढेगी। लबसंग शेरिंग हिमाचल के अलावा दिल्ली,मणिपुर समेत पूर्वाेत्तर के कई राज्य में भी रह चुका है।

 

एसएसबी के उपनिरीक्षक ने दर्ज कराया है मुकदमा

 

एसएसबी के उपनिरीक्षक तरुण कुमार आदक की तहरीर पर सोनौली कोतवाली में पुलिस ने चीनी नागरिकों समेत तीन के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने व विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। पकड़े गए आरोपित इस समय महराजगंज स्थित जिला कारागार में बंद हैं।

 

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