*बीत गये 27 दिन नही दर्ज हुआ मुकदमा–चौकी,थाना,एसपी तक पहुंचा फ़रियादी–अब न्यायालय व आयोग पर टिकी निगाहेँ।*

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*बीत गये 27 दिन नही दर्ज हुआ मुकदमा–चौकी,थाना,एसपी तक पहुंचा फ़रियादी–अब न्यायालय व आयोग पर टिकी निगाहेँ।*
घुघली-महराजगंज।बीत गये 27 दिन नही दर्ज हुआ मुकदमा,चौकी,थाना,एसपी तक पहुंचा फ़रियादी न्यायालय व आयोग पर टिकी निगाहेँ। भले ही जनपद को अपराध मुक्त करने में तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक के तेवर का असर अन्य थानों पर पड़ रही हो लेकिन स्थानीय पुलिस पर असर नहीं दिख रहा।यदि ऐसा नहीं तो 27 दिन बीत जाने के बावजूद पीड़ित राजू को पुलिस से विश्वास उठा गया है।
राजू 15 सितंबर को स्थानीय सुभाष चौक स्थित एक मोबाइल की दुकान पर मोबाइल बनवाते समय निखिल व उसके पिता के जरिए हुई थी।जिसके बाद निखिल व उसके परिजनों से लगातार जान माल की धमकी राजू को सुनने को मिल रही है। राजू इसके लिए स्थानीय पुलिस चौकी ,थाने व पुलिस अधीक्षक तक का दरवाजा खटखटा चुका लेकिन अभी तक उसे न्याय नहीं मिला। अब वह थक हार कर मानवाधिकार आयोग की ओर जाने को सोच रहा है। खुले बाजार में बेज्जती से राजू सदमें में आ गया है । इसका कहना है कि पुलिस को उसकी नग्गई व जान से मारने कि धमकी समझ में नहीं आ रही तो सीसीटीवी फुटेज निकलवा कर मामले की पुष्टि की जा सकती है। राजू इसके लिए पुलिस अधीक्षक का भी दरवाजा खटखटाया है फिर भी पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है ।राजू का कहना है कि विपक्षी द्वारा उसे बार-बार जान से मारने की धमकी दी जा रही है
। जिससे वह सहमा हुआ है। उसका कहना है कि विपक्षी पहले से ही अपराधी प्रवृत्तियों में जेल जा चुका है। जिसके कारण इस तरह की घटनाएं उसके लिए आम बात है। उसका कहना है कि पुलिस से अब उसकी उम्मीद टूट चुकी है। यथाशीघ्र मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाएगा साथ ही न्यायालय के जरिए वह अपने अपमान का बदला लेने के लिए तैयारी में जुटा हुआ है।अब सवाल यह उठता है कि जब पुलिस से फरियादियों को न्याय नहीं मिलेगी तो फिर सरकार क्यों थानों को चुस्त दुरुस्त कर रही है। समझ में नहीं आता सरकार के फरमान के अनुरूप महाराजगंज के पुलिस अधीक्षक के कडे तेवर का असर जहां जनपद के अधिकांश थानों पर देखने को मिल रहा है। जनपद में अपराध का ग्राफ भी गिरा है । फिर स्थानिय पुलिस पर असर कैसे नहीं पद रहा।कहीं ऐसा तो नहीं पुलिस सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रही है या फिर चौकी इंचार्ज , थानाध्यक्ष पुलिस अधीक्षक के आदेश को ठेगा दिखाने की नियत बन चुके है ।जो भी है लेकिन यह सच है कि स्थानीय थाना विपक्षी के बचाव में है।

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