*जबरन रिटायर आईपीएस अमिताभ ठाकुर एक बार फिर चर्चा में। उन्हें गोरखपुर में सिंचाई विभाग के डाक बंगले में किया गया नजरबंद*

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*जबरन रिटायर आईपीएस अमिताभ ठाकुर एक बार फिर चर्चा में। उन्हें गोरखपुर में सिंचाई विभाग के डाक बंगले में किया गया नजरबंद*
गोरखपुर/ महराजगंज! यूपी पुलिस से जबरन रिटायर आईपीएस अमिताभ ठाकुर एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्हें गोरखपुर में सिंचाई विभाग के डाक बंगले में नजरबंद कर दिया गया है। पूर्व आईपीएस गोरखपुर के एक डॉक्टर और सिपाही के बीच हुए विवाद में सिपाही पक्ष की ओर से मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर सोमवार की रात में गोरखपुर पहुंचे थे। आज मंगलवार को वह कैंट थाने के बाहर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू करने वाले थे लेकिन इसके पहले ही उन्हें नजर बंद कर दिया गया। इस दौरान वहां थोड़ी देर तक हाई वोल्टेज ड्रामा भी चला।
पूर्व आईपीएस ने दावा किया कि उनकी पार्टी आजाद अधिकार सेना के कार्यकर्ताओं ने उनके लिए सिंचाई विभाग के डाक बंगले में एक कमरा आवंटित कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने भगा दिया।उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रशासन के दबाव में किया जा रहा है। इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो भी पोस्ट किया है। इससे पहले वह कैंट इंस्पेक्टर पर धमकी देने का भी आरोप लगा चुके हैं। पूर्व आईपीएस ने अपना वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उनके अनुसार इसके बाद डाक बंगले पर पहु़ंची पुलिस ने वहां मौजूद आजाद अधिकार सेना के कार्यकर्ताओं को भगा दिया। इसके बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को कमरे में नजर बंद कर दिया।उधर, पार्टी की प्रवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने बताया कि थाना कैंट के सामने अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन के लिए आए आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को पहले रेलवे स्टेशन स्थित सिंचाई विभाग डाक बंगले में कक्ष आवंटित करने के बाद अब उन्हें जबरदस्ती निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी के जिला अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार ने सोमवार को इस संबंध में सक्षम अधिकारी से बात कर कक्ष आवंटित करवाया था। आज मंगलवार की सुबह अमिताभ ठाकुर के पहुंचने पर गेस्ट हाउस में कक्ष का ताला खोलकर उन्हें रहने दिया गया। इसके कुछ देर बाद उन्हें कहा गया है कि वे तत्काल इस कमरे को खाली कर दें, क्योंकि यह कमरा उन्हें आवंटित नहीं हुआ है। बाद में उन्हें पुलिस ने नजर बंद कर
लिया। अमिताभ ठाकुर ने इस पूरी स्थिति को अत्यंत ही दुखद तथा अधिकारों का खुला दुरुपयोग बताया है।

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