*दिल्ली एवं एनसीआर में प्रदूषण से परेशान लोग, आईटीएम गीडा गोरखपुर के छात्रों ने तैयार किया एंटी एयर पोल्यूशन मास्क*
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*दिल्ली एवं एनसीआर में प्रदूषण से परेशान लोग, आईटीएम गीडा गोरखपुर के छात्रों ने तैयार किया एंटी एयर पोल्यूशन मास्क*
राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर के साथ देश में कई जगह बढ़ते प्रदूषण से लोगों की सांसें फूलने लगी हैं। एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) की स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में जलन भी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में जहरीली हवा चल रही है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं है। इस बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग कई तरह की सांस संबंधित बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा गोरखपुर के बीटेक के चार छात्र-छात्राओं ने मिलकर एक ऐसा एंटी एयर पोल्यूशन मास्क तैयार किया है, जो प्रदूषित हवा को शुद्ध करके उपयोगकर्ता तक सुरक्षित हवा पहुंचाने में मदद करता है। इस मास्क को बनाने वाले छात्र हैं—अंशित श्रीवास्तव, शाम्भवी मिश्रा, तान्या प्रजापति और शीतल गुप्ता। शाम्भवी मिश्रा ने बताया कि प्रदूषण की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। “इस प्रदूषण से आंखों में जलन हो रही है और सांस लेने में कठिनाई आ रही है। हमारी टीम ने एक ऐसा मास्क तैयार किया है, जो प्रदूषित हवा से सुरक्षा प्रदान करता है और आंखों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। इस मास्क में लगे खास एयर फ़िल्टर प्रदूषित हवा को शुद्ध कर आपके साँसों तक सुरक्षित हवा पहुंचाते हैं।” तान्या प्रजापति ने मास्क की विशेषताओं के बारे में बताया, “हमारा मास्क प्रदूषण रहित हवा प्रदान करने के साथ-साथ, इसमें एक एंटी पोल्यूशन सेंसर भी है, जो प्रदूषण स्तर बढ़ने पर अलर्ट करता है। इससे उपयोगकर्ता को समय रहते प्रदूषित क्षेत्रों से बाहर निकलने का संकेत मिलता है।”
अंशित श्रीवास्तव ने कहा, “मास्क के अंदर एक विशेष एयर फ़िल्टर है, जो हवा को शुद्ध करता है और जब हम सांस लेते हैं तो यह साफ हवा हमारे शरीर में प्रवेश करती है।” शीतल गुप्ता ने कहा, “मास्क को बनाने में हमें एक सप्ताह का समय लगा और 750 रुपये का खर्च आया। इसे बनाने में हमने एयर पोल्यूशन सेंसर, 3.7 वोल्ट की बैटरी, अलार्म, मास्क, और आई सेफ्टी चश्मे का इस्तेमाल किया है।”संस्थान के निदेशक डॉ. एन के सिंह ने कहा, “यह मास्क प्रदूषण से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन साथ ही हमें यह समझने की आवश्यकता है कि प्रदूषण किस कारण से बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। हमारे छात्रों ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एक अभिनव समाधान प्रस्तुत किया है।”छात्रों की इस उपलब्धि पर पर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया ,सचिव श्यामबिहारी अग्रवाल ,कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया ,संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल साहित्य संस्थान के सभी शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दिया |
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