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*बोइंग, बॉम्बार्डियर…₹100000000000, क्या है I-STAR जिस पर भारत करने जा रहा इतना बड़ा खर्च?*

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*बोइंग, बॉम्बार्डियर…₹100000000000, क्या है I-STAR जिस पर भारत करने जा रहा इतना बड़ा खर्च?*

(प्रदेश प्रभारी राकेश त्रिपाठी)

I-STAR सिस्टम से लैस होने के बाद भारत भी उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास ऐसे स्पाय (जासूसी) प्लेन हैं. इन देशों में अमेरिका, यूके, इजराइल समेत कुछ अन्य शामिल हैं

* अभी दुनिया में सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल जैसे देशों के पास ही ऐसे सिस्टम हैं.
* भारत अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है.
* भारतीय वायुसेना जल्द ही आई-स्टार विमान खरीदेगी.
* यह विमान दुश्मन पर नजर रखने और हमला करने में मदद करेगा.
* लगभग 10,000 करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट भारत की ताकत को और बढ़ा देगा.
* विमान दुश्मन के इलाके में बिना घुसे ही, उनकी जानकारी जुटा लेगा.
* इससे भारत को युद्ध में बहुत फायदा होगा.
* अभी पश्चिमी सीमा पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चल रहा है.
* ऐसे में यह विमान भारत की ताकत को और बढ़ा देगा.

भारत अपनी रक्षा शक्ति को और मजबूत करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना जल्द ही एक खास विमान खरीदने वाली है। यह विमान दुश्मन पर नजर रखने और हमला करने में मदद करेगा। सरकार इस प्रोजेक्ट को जल्द ही मंजूरी दे सकती है। इस प्रोजेक्ट का नाम I-STAR है। यह लगभग 10,000 करोड़ रुपये का है
■ I-STAR प्रोजेक्ट के तहत तीन विमान खरीदे जाएंगे। ये विमान दुनिया की बड़ी विमान बनाने वाली कंपनियों से लिए जाएंगे। इनमें बोइंग और बॉम्बार्डियर जैसी कंपनियां शामिल हैं।
■ इन विमानों में DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) की ओर से बनाए गए खास सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगाए जाएंगे।
■ DRDO के सेंटर फॉर एयरोस्पेस सिस्टम्स (CABS) ने ये सिस्टम बनाए हैं। इन सिस्टम्स की टेस्टिंग हो चुकी है। इसलिए इन्हें विमान में जल्दी ही लगाया जा सकेगा। यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देता है और भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास क्षमताओं को मजबूत करता है।
■ CABS की ओर से विकसित इन प्रणालियों के निर्माण और एकीकरण के लिए भारतीय निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बड़े ऑर्डर मिलने की संभावना है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर, एयरोस्पेस कंपोनेंट्स और सिस्टम इंटीग्रेशन में विशेषज्ञता वाली कंपनियां शामिल होंगी।
■ I-STAR प्रोजेक्ट भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल जैसे देशों के साथ ‘एयरबोर्न इंटेलिजेंस’ के एक विशिष्ट क्लब में शामिल करेगी। यह भारत की रक्षा मैन्यूफैक्चिरंग क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा।
■ DRDO के सिस्टम कई तरह से निगरानी कर सकते हैं। इससे विमान दिन हो या रात, हर समय दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रख सकेगा। यह सिस्टम खराब मौसम में भी काम करेगा।
■ एक बार जब यह विमान काम करना शुरू कर देगा तो भारतीय वायुसेना को दुश्मन की सही जानकारी मिल जाएगी। इससे भारत सटीक हमले कर पाएगा।
I-STAR विमान हवा में और जमीन पर दोनों जगह से काम कर सकते हैं। ये विमान बहुत ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और दूर से ही दुश्मन पर नजर रख सकते हैं। इससे विमान सुरक्षित रहेगा और दुश्मन के इलाके में अंदर तक जानकारी मिल जाएगी।
इन विमानों में ISR (खुफिया जानकारी, निगरानी, लक्ष्य निर्धारण और टोही) सिस्टम लगा होगा। इससे भारत दुश्मन पर सोच-समझकर हमला कर पाएगा। इससे नुकसान कम होगा और स्थिति को बिगड़ने से बचाया जा सकेगा। साथ ही, भारत की ताकत बनी रहेगी।
I-STAR भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इससे भारत की रक्षा शक्ति और भी मजबूत हो जाएगी। ‘यह विमान दुश्मन के इलाके में बिना घुसे ही, उनकी जानकारी जुटा लेगा’, जिससे भारत को युद्ध में बहुत फायदा होगा। ऐसे में यह विमान भारत की ताकत को और बढ़ा देगा।

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